भाजपा नेताओं को कस्बापुर में घुसने से रोका

बरेली/शेरगढ़। कस्बापुर का दौरा करने पहुंचे भाजपा के नेताओं को पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने गांव में घुसने से रोक दिया। इसके बाद भाजपा नेताओं ने एसडीएम और एसओ को हटाकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने और गांव से पलायन कर गए लोगों को वापस बुलाने की मांग की।
भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार शर्मा, पूर्व विधायक छत्रपाल सिंह और पूर्व मंत्री बहोरनलाल मौर्य समेत कई भाजपा नेता मंगलवार को कस्बापुर पहुंचे, लेकिन पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने उन्हें गांव में नहीं घुसने दिया। इसके बाद भाजपा नेता थाना शेरगढ़ पहुंचे और अफसरों से बातचीत की। इसके बाद नगर पंचायत कार्यालय आकर पत्रकारों से रूबरू हुए। पूर्व मंत्री बहोरन लाल मौर्य और जिलाध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने कहा कि यदि गांव में उन्हें जाने दिया जाता तो पुलिस की करतूत उजागर हो जाती। घटना के दौरान पुलिस ने महिलाओं के साथ भी मारपीट की थी। एसडीएम और एसओ को हटाकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि पूरे घटनाक्रम में स्थानीय लोगों का कोई हाथ नहीं था। पार्टी के विधायक इस मामले को विधानसभा में भी उठाएंगे। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव संतोष गंगवार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को कमिश्नर से मिलेगा।पूर्व विधायक बहेड़ी छत्रपाल ने बेगुनाह लोगों से मुकदमे वापस लेने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में राजपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह गंगवार वीरू, नन्हें लाल, बुद्धसेन, राघवेंद्र पाठक, वीरपाल सिंह आदि शामिल थे। इसके अलावा बसपा के जिला उपाध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य समीरउद्दीन खां ने भी क्षेत्र में अमनचैन बनाए रखने की अपील की। ये लोग भी गांव पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

इलाके में पुलिस और पीएसी तैनात
इलाके में तीसरे दिन भी सन्नाटा पसरा रहा। एहतियात के तौर पर पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है। पूरे दिन आंवला के एसडीएम आरएन पांडेय और सीओ पुलिस फोर्स के साथ मुस्तैद रहे। एसडीएम बहेड़ी शमशाद हुसैन ने भी गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जिस स्थान को लेकर विवाद हुआ उसकी बुनियाद जेसीबी से उखड़वा दी गई है। वह जगह सरकारी है और सरकारी ही रहेगी। पूरे मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जा रही है।

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